ना चाह कर मैं हूं परेशान्, क्या करूं? करना सब कुछ चाहूं, पर कर ना सकूं। ना चाह कर मैं हूं परेशान्, क्या करूं? करना सब कुछ चाहूं, पर कर ना सकूं।
ठहरो ! सिर को अपने ठंडा रखो दूर बदन के अपने ही डंडा रखो क्यों पाला करते बुढ़ापे की सन ठहरो ! सिर को अपने ठंडा रखो दूर बदन के अपने ही डंडा रखो क्यों पाला करते बु...
न जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है न जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ ...
दर्द तू शोर ना कर अभी गमों की रात है, मेरी भी मौत होगी बस कुछ ही समय की बात है। दर्द तू शोर ना कर अभी गमों की रात है, मेरी भी मौत होगी बस कुछ ही समय की बात ह...
नए साल की तरह हर बार जिंदगी नहीं खिलती हँसी से, नए साल की तरह हर बार जिंदगी नहीं खिलती हँसी से,